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"सोशल मीडिया का बाप"

अनिल कुमार सागर, लेखक व पत्रकार

वरिष्ठ लेखक- स्वतंत्र पत्रकार, पूर्व उप सम्पादक: उजाले की ओर,"कीमया-ऐ-जीवन", राष्ट्रीय समाचार पत्र,  03, आनन्द कॉलोनी,चन्दौसी- 244412, उ.प्र.

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अनमोल वचन:

धीरे-धीरे एक एक शब्द पढियेगा, हर एक वाक्य में कितना दम है ।

"आंसू" जता देते है, "दर्द" कैसा है?

"बेरूखी" बता देती है, "हमदर्द" कैसा है?

"घमण्ड" बता देता है, "पैसा" कितना है?

"संस्कार" बता देते है, "परिवार" कैसा है?

"बोली" बता देती है, "इंसान" कैसा है?

"बहस" बता देती है, "ज्ञान" कैसा है?

"ठोकर" बता देती है, "ध्यान" कैसा है?

"नजरें" बता देती है, "सूरत" कैसी है?

"स्पर्श" बता देता है, "नीयत" कैसी है?

और "वक़्त" बता देता है, "रिश्ता" कैसा है?

समाज में बदलाव क्यों नहीं आता? क्योंकि गरीब में हिम्मत नहीं, मध्यम को फुर्सत नहीं, और अमीर को जरूरत नहीं!

जीवन में किसी को रुलाकर हवन भी करवाओगे तो कोई फायदा नहीं और अगर रोज किसी एक आदमी को भी हँसा दिया तो मेरे दोस्त आपको अगरबत्ती भी जलाने की जरुरत नहीं कर्म ही असली भाग्य है!



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