आगे चलकर अलग तरीके से बिना टोल पर रुके G.P.S.तकनीकी से बैंक खाते से कटेगी टोल टैक्स-नितिन गडकरी
- अनिल कुमार सागर,लेखक स्वतंत्र- पत्रकार
- Dec 18, 2020
- 1 min read
उन्होंने उद्योग संगठन एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा कि टोल के लिए जीपीएस प्रणाली पर काम जारी है, जिसमें टोल का भुगतान स्वचालित रूप से तय की गई दूरी पर काटा जाएगा.
गडकरी ने कहा कि रूस सरकार की मदद से हम जल्द ही GPS सिस्टम को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. इसक बाद 2 वर्षों में भारत पूरी तरह से टोल नाका मुक्त हो जाएगा. गौरतलब है कि इस वक्त देश में सभी कॉमर्शियल वाहन ट्रैंकिग सिस्टम से लैस हैं. वहीं, सरकार सभी पुराने वाहनों में भी जीपीएस सिस्टम टेक्नोलॉजी लगाने के लिए तेजी से काम करेगी. पिछले एक साल के दौरान वाहनों के स्वतंत्र आवागमन की दिशा में महत्वपूर्ण पहले करते हुए केंद्र सरकार ने देश के सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग अनिवार्य कर दिया है. फास्टैग की अनिवार्यता के बाद ईधन की खपत में आई है और इसके अलावा प्रदूषण पर भी लगाम लगी है.
फास्ट टैग का उपयोग पिछले कुछ महीनों के दौरान काफी तेजी के साथ बढ़ा है. नवंबर में जारी किए गए एनएचएआई के एक बयान के अनुसार, फैस्टैग अब तक के कुल टोल कलेक्शन में लगभग तीन-चौथाई का योगदान देता है. वहीं, एक साल पहले 70 करोड़ रुपये की तुलना में 92 करोड़ रुपये पर था. गडकरी ने कहा, "कल सड़क परिवहन और राजमार्ग और अध्यक्ष, एनएचएआई की मौजूदगी में, टोल संग्रह के लिए जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल करके एक प्रस्तुति दी गई थी. हम उम्मीद कर रहे हैं कि अगले पांच सालों में हमारी टोल आय 1,34,000 करोड़ रुपए होगी."
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