डिप्रेशन से बचने के उपाय।
- अनिल कुमार सागर,लेखक स्वतंत्र- पत्रकार
- Aug 26, 2020
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1.- जीवन की हरेक घटना में किसी-न-किसी रूप से आपको लाभ ही होता है। परोक्ष अथवा अपरोक्ष रूप से होने वाल लाभ के बारे में ही सदैव सोचिए।
2.- भूतकाल में की गई गलतियों का पश्चाताप न करे तथा भविष्य की चिंता न करे। वर्तमान को सफल बनाने के लिए पूरा ध्यान दीजिए। आज का दिन आपके हाथ में है। आज आप रचनात्मक कार्य करेंगे तो कल की गलतियाँ मिट जायेगी और भविष्य मे अवश्य लाभ होगा।
3.- आप अपने जीवन की तुलना अन्य के साथ कर चिन्तित न हो। क्योंकि इस विश्व मे आप एक अनोखे विशिष्ट व्यक्ति हैं। इस विश्व में आपके जैसा और कोई नही है।
4.- सदैव याद रखिये कि आपकी निन्दा करने वालना आपका मित्र है कि जो आपके बिना मूल्य एक मनोचिकित्सक की भाँति आपकी गलतियों व आपकी खामियों की तरफ ध्यान खिंचवाता है।
5.- आप दुःख पहुँचाने वाले को क्षमा कर दो तथा उसे भूल जाओ।
6.- सभी समस्याओ को एक साथ सुलझाने का प्रयत्न करके झूंझना नही। एक समय पर एक ही समस्या का समाधान करें।
7.- जितना हो सके उतना दूसरो के सहयोगी बनने का प्रयत्न करे। दूसरों के सहयोग बनने से आप अपनी चिन्ताओं को अवश्य भूल जायेंगे।
8.- आने वाली समस्याओं को देखने का दृष्टिकोेण को बदलने से आप दुःख को सुख में परिवर्तन कर सकेंगे।
9.- जिस परिस्थिति को आप नही बदल सकते उसके बारे में सोच कर दुःखी न हों। याद रखिये कि समय एक श्रेष्ठ दवाई है।
10.- बदला न लो लेकिन स्वयं को बदलने का प्रयत्न करो। बदला लेने की इच्छा से मानसिक तनाव ही बढ़ता है। स्वयं को बदलने का लक्ष्य रखने से जीवन में प्रगति होती हैं।
11.- ईष्या न करो परन्तु ईश्वर का चिन्तन करो। ईष्या करने से मन जलता है परन्तु ईश्वर का चिन्तन करने से मन असीम शीतलता का अनुभव करता है।
12.- खुशी देने से खुशी बढ़ती है इसलिए सर्व को खुशी देने का ही प्रयत्न करो। कभी किसी को दुःख देने का विचार भी न करो।
13.- जब आप समस्याओं का सामना करते है तब ऐसा सोचिये कि आपके भूतकाल के कर्मो का हिसाब चुकता हो रहा है।
14.- आपके अन्दर रहा हुआ सूक्ष्म अंहकार का भी त्याग करो। याद रखो कि आप खाली हाथ आये थे और हाथ ही वापस जायेंगे।

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