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"सोशल मीडिया का बाप"

अनिल कुमार सागर, लेखक व पत्रकार

वरिष्ठ लेखक- स्वतंत्र पत्रकार, पूर्व उप सम्पादक: उजाले की ओर,"कीमया-ऐ-जीवन", राष्ट्रीय समाचार पत्र,  03, आनन्द कॉलोनी,चन्दौसी- 244412, उ.प्र.

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इरिटेबल बाउल सिन्ड्रोम(आई.बी.एस)

Updated: Jan 13, 2019


"पेट दर्द , ऐंढन, मरोड़ व हमेशा टॉयलेट जाने की इच्छा  वास्तव में आई बी एस (इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम) हो सकता है।"
"पेट दर्द , ऐंढन, मरोड़ व हमेशा टॉयलेट जाने की इच्छा वास्तव में आई बी एस (इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम) हो सकता है।"

संग्रहणी रोग (आई बी एस) के 14 घरेलू उपाय


संग्रहणी रोग अथवा ग्रहणी (IBS) पेट का एक ऐसा रोग है, जो जनसख्या के एक बड़े तबके को परेशान करता है.

जितना व्यापक यह रोग है उतने ही व्यापक इसके लिये नुस्खे भी बताये जाते हैं, जो फौरी तौर पर राहत दे सकते हैं.

आईये जानते हैं संग्रहणी रोग (IBS) के 14 घरेलू उपाय जो संग्रहणी रोग के विभिन्न पहलुओं में उपयोग किये जाते हैं…


1. हींग, अजवायन और सोंठ

हींग, अजवायन और सोंठ बराबर मात्रा में लेकर पीस लें|

इसमें से एक-एक चम्मच चूर्ण सुबह-शाम गरम पानी के साथ भोजन के बाद लें|

2. छाछ और हींग

छाछ में चुटकी भर हींग व जीरा मिलाकर सेवन करें| संग्रहणी की गैस में लाभ मिलेगा.

3. कालीमिर्च और काला नमक

कालीमिर्च और काला नमक – दोनों 3-3 ग्राम मट्ठे के साथ लें|

4. पिप्पली, नीबू और सेंधा नमक

4 ग्राम पिप्पली का सेवन नीबू के रस तथा सेंधा नमक के साथ करें| भूख जगाने का उत्तम उपाय ह

5. हरड़और काला नमक

हरड़ का चूर्ण और थोड़ा-सा काला नमक पानी में अच्छी तरह घोलें|

फिर इसे सुबह-शाम पिएं|

इस योग से कब्जकारी संग्रहणी में लाभ मिलता है.

6. मौलसिरी

2 ग्राम मौलसिरी के पत्तों का चूर्ण दिन में दो बार सेवन करें| यह अतिसार की संग्रहणी में लाभकारी रहता है.

7. अदरक, तुलसी, कालीमिर्च और लौंग

अदरक, तुलसी, कालीमिर्च तथा लौंग का काढ़ा पीने से वातज संग्रहणी के उपद्रव जैसे पेट की गैस, तनाव में लाभ मिलता है|

8. सोंठ और मिश्री

आधा चम्मच सोंठ के चूर्ण में जरा-सी मिश्री मिलाकर सेवन करें|यह संग्रहणी में भूख को जगाने का कार्य करता है.


9. बेलगिरी, सेंधा नमक और मट्ठा

बेलगिरी और सेंधा नमक मिलाकर चूर्ण बना लें| इस सुबह-शाम मट्ठे के साथ प्रयोग करें|

10. जीरा, हींग और अजवायन

जीरा, हींग और अजवायन का चूर्ण सब्जियों में डालकर खाने से संग्रहणी रोग के अपचन में आराम मिल जाता है|

11. सोंठ, गुरुच, नागरमोथा और अतीस

सोंठ, गुरुच, नागरमोथा और अतीस-सबको समान मात्रा में लेकर मोटा-मोटा पीस लें|

इसमें से दो चम्मच का जौकुट काढ़ा बनाकर 15 दिनों तक सेवन करने से संग्रहणी के रोगियों को काफी आराम मिलता है|

12. सोंठ, पीपल, नमक, अजमोद और गंघक

शोधित गंधक 2 ग्राम, सोंठ 10 ग्राम, पीपल 5 ग्राम, पांचों नमक 5 ग्राम तथा भुना हुआ अजमोद 5 ग्राम.

इन सबको बारीक पीसकर एक शीशी में भर लें|

इसमें से दो चुटकी दवा पानी के साथ सेवन करें|


13. हरड़, पीपल, सोंठ, मट्ठा और काला नमक

हरड़ की छाल, पीपल, सोंठ और काला नमक-सबको 10-10 ग्राम की मात्रा में पीसकर चूर्ण बना लें|

इसमें से आधा चम्मच चूर्ण मट्ठे के साथ सेवन करें|

15 दिनों तक चूर्ण खाने से वातज संग्रहणी में लाभ मिलने लग जाता है|

14. अनारदाना, सोंठ, कालीमिर्च और मिश्री

10 ग्राम अनारदाना, 2 ग्राम सोंठ, 2 ग्राम कालीमिर्च और 10 ग्राम मिश्री को कूटकर चूर्ण बना लें|

प्रस्तुतकर्ता: अनिल कुमार सागर, वरिष्ठ लेखक - स्वतंत्र पत्रकार,

पूर्व उप सम्पादक: उजाले की ओर,"कीमया-ऐ-जीवन", राष्ट्रीय समाचार पत्र,

सम्पर्कः- 03,आनन्द कॉलोनी,चन्दौसी-244412,उ.प्र., YouTube:vision 5design,Instagram:Kumar sagaranil, Twitter: anilkumarsagar11,Twitter:vision5design, chandausinow.com,vision5design. com, 09719674350वाट्सएप

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