वैदिक भारतीय समय प्रणाली।
- अनिल कुमार सागर,लेखक स्वतंत्र- पत्रकार
- Aug 3, 2020
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विश्व का सबसे बड़ा भारतीय और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र (ऋषि मुनियो का अनुसंधान )
■ क्रति = सैकन्ड का 34000 वाँ भाग
■ 1 त्रुति = सैकन्ड का 300 वाँ भाग
■ 2 त्रुति = 1 लव ,
■ 1 लव = 1 क्षण
■ 30 क्षण = 1 विपल ,
■ 60 विपल = 1 पल
■ 60 पल = 1 घड़ी (24 मिनट ) ,
■ 2.5 घड़ी = 1 होरा (घन्टा )
■ 24 होरा = 1 दिवस (दिन या वार) ,
■ 7 दिवस = 1 सप्ताह
■ 4 सप्ताह = 1 माह ,
■ 2 माह = 1 ऋतू
■ 6 ऋतू = 1 वर्ष ,
■ 100 वर्ष = 1 शताब्दी
■ 10 शताब्दी = 1 सहस्राब्दी ,
■ 432 सहस्राब्दी = 1 युग
■ 2 युग = 1 द्वापर युग ,
■ 3 युग = 1 त्रैता युग ,
■ 4 युग = सतयुग
■ सतयुग + त्रेतायुग + द्वापरयुग + कलियुग = 1 महायुग
■ 76 महायुग = मनवन्तर ,
■ 1000 महायुग = 1 कल्प
■ 1 नित्य प्रलय = 1 महायुग (धरती पर जीवन अन्त और फिर आरम्भ )
■ 1 नैमितिका प्रलय = 1 कल्प ।(देवों का अन्त और जन्म )
■ महाकाल = 730 कल्प ।(ब्राह्मा का अन्त और जन्म )

जहां तक भारतीयों ऋषि मुनियों का संबंध है, वे नक्षत्र ज्ञान और गणित में पहले स्थान पर थे, उनकी लिपि दुनिया की सभी भाषाओं की ध्वनियां लिख सकती है, इसी तरह उनके अंक हर प्रकार की संख्या... भारत में ही नक्षत्रों की गणना प्रारम्भ हुई, जिसे बाद में अन्य देशों ने उससे लिया। सम्पूर्ण विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र यही है।
जो हमारे देश भारत में बना, ये हमारा भारत जिस पर हमको गर्व है! अन्यत्र प्रसारित करके सभी को अवगत कराने की कृपा करेंl

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